Mukti Mod News

सच की रहा पर सबसे आगे

खास खबरें: हरिद्वार मे धर्म-कर्म वाली खबरें, यहां देखें

1 min read
Listen to this article


बद्रीनाथ धाम में हुआ, श्री अवधूत मंडल आश्रम का भव्य उद्घाटन

बद्रीनाथ/हरिद्वार। सब कुछ मेरे पास है लेकिन आशीर्वाद देने वाला गुरू नहीं है। इसलिए गुरूकी याद में बद्रीनाथ धाम में श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर आश्रम का लोकार्पण किया गया है। उक्त विचार श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महंत महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव ने बद्रीनाथ धाम में आश्रम के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उनके गुरु स्वामी सत्यदेव जी महाराज ने 23 अक्टूबर 2004 को बद्रीनाथ में अपना शरीर छोड़ा था इसलिए उनकी याद में बद्रीनाथ में आश्रम बनाने का संकल्प लिया था जो आज पूरा हुआ है। बताते चले कि शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर भव्य समारोह के साथ अवधूत मंडल आश्रम का उद्घाटन किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। बताया गया कि मुख्यमंत्री स्वयं कार्यक्रम में आने वाले थे। लेकिन खराब मौसम के चलते नहीं पहुंच सके। इस मौके पर डॉ संतोषानंद जी महाराज ने कहा कि आश्रम का निर्माण होने से बद्रीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। आश्रम में 65 कमरें तैयार हो गये है। उन्होंने कहा कि आश्रम में साधू संतो एवं निर्धन असहाय लोगों के लिए निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध होगी। कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेश चौधरी ने किया। इस मौके पर बचनदास महाराज,बलबीरदास,ब्रह्मानंद महाराज,एडीएम अभिषेक त्रिपाठी,एसडीएम कुमकुम जोशी,अपर पुलिस अधीक्षक नताशा सिंह,ईओ सुनील कुमार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।


कन्या पूजन से मां भगवती होती है प्रसन्न-शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम

मां भगवती का साक्षात अवतार हैं कन्याएं- श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार। शारदीय नवरात्र की नवमी पर अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने श्रवणनाथ मठ स्थित गंगा घाट पर पूर्ण विधि विधान से 51 कन्याओं का पूजन कर और उन्हें उपहार भेंटकर उनसे आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि कन्या पूजन करने से मां भगवती बेहद प्रसन्न होती है और भक्तों को नवरात्र आराधना का मनवांछित फल प्रदान करती है। नवरात्र के अवसर पर सभी को समाज में व्याप्त बेटा-बेटी में भेदभाव की कुरीति को समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि देवताओं और दानवों के बीच युद्ध और अच्छाई व बुराई का संघर्ष अनादि काल से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सभी देवी देवता शक्ति के आराधक हैं। भगवान राम ने भी रावण और लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए नवरात्रों में मां भगवती की आराधना की थी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कन्याएं मां भगवती का साक्षात अवतार हैं। आज बेटियां प्रत्येक क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही है। जो भारत के लिए गर्व की बात है। मर्यादा,करूणा,सौम्यता,दया और विनम्रता के अवतार भगवान श्रीराम शक्ति को लोकहित में प्रयोग करना ही धर्म मानते थे और उनके नाम में इतनी उर्जा और चेतना है कि पत्थर भी पानी में तैरने लगते हैं। दुर्गा नवमी और विजयदशमी के पावन पर्व पर सभी को एक आदर्श समाज बनाने का संकल्प लेना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि सनातन परंपरा को प्रत्येक व्यक्ति में जागृत करना संत समाज का उद्देश्य है। भारत के पुनर्जागरण एवं आध्यात्मिक उत्थान में संत महापुरुषों का अहम योगदान है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने कहा कि नवरात्र पर्व दुर्गा पूजा के साथ अपने उत्कर्ष को प्राप्त होती है। इस दिन किया गया कन्या पूजन सहस्त्र गुना पुण्य फलदाई होता है,जो कभी निष्फल नहीं जाता। मां भगवती के आशीर्वाद से व्यक्ति को अलौकिक ऊर्जा के साथ सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि मठ, मंदिर, अखाड़े अपनी परंपरा के अनुसार भारत की आध्यात्मिक चेतना को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस अवसर पर आरएसएस के विभाग प्रचारक चिरंजीव,पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,स्वामी कपिल मुनि,कोठारी महंत राघवेंद्र दास,महंत गोविंददास, महंत प्रेमदास,महंत मोहन सिंह,महंत श्रीमहंत नारायण दास पटवारी,स्वामी विज्ञानानंद,जूना अखाड़े के श्रीमहंत प्रेमगिरी, महंत गोविंददास, महंत सूरजदास,महंत राधेगिरी,महंत राकेश गिरी,महंत रघुवीर दास,महंत विष्णुदास,महंत प्रहलाद दास,महंत तीरथ सिंह,स्वामी कृष्णानंद,महंत महेश पुरी, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी राजगिरी,अनिल शर्मा,महंत रवि पुरी,मुख्तियार रघुवन,एसएमजेएन कॉलेज प्रबंध समिति के सदस्य आरके शर्मा,प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा,गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम,भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल,महामंत्री आशुतोष शर्मा,रामानंद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर वैभव शर्मा, महंत जगदीशानंद,महंत केशवानंद,समाजसेवी प्रदीप शर्मा,भाजपा नेता डा.जयपाल सिंह चौहान, पंडित अधीर कौशिक, समाजसेवी भोला शर्मा मौजूद रहे।

नवमी पर कन्या पूजन करने से प्राप्त होती है मां जगदंबा की कृपा-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

हरिद्वार। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने नवमी के अवसर पर 21कन्याओं का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आदिशक्ति जगदंबा की परम कृपा प्राप्त करने के लिए नवरात्रि में दुर्गाष्टमी व महानवमी पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्र में नौ दिनों तक लगातार चलने वाले व्रत व पूजन का अष्टमी व नवमी की कल्याणप्रद शुभ बेला श्रद्धालु भक्तजनों को मनोवांछित फल प्रदान करती है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मा भवगती की आराधना परम कल्याणकारी है। मां दुर्गा की आराधना से व्यक्ति को सुख, समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। मां भगवती प्राकृतिक आपदा व शत्रुओं से भी अपने भक्तों की रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पवित्रता, नियम, संयम व ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए नवरात्र आराधना अवश्य करनी चाहिए। इस अवसर महंत सूर्यमोहन गिरी, महंत किशन गिरी, महंत सत्यम गिरी सहित अनेक श्रद्धालुजन मौजूद थे।

भक्तों के सभी मनोरथ सिद्ध करती है मां सिद्धिदात्री-स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने नवमी पर श्री दक्षिण काली मंदिर में 101 कन्याओं का पूजन कर देवी स्वरूपा कन्याओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र सनातन धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। नवरात्र में नौ दिनों तक मां भगवती की आराधना के पश्चात नवमी को कन्या पूजन करने से साधक को विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाती है। भक्तों के सभी मनोरथों को सिद्ध करने के कारण मां भगवती को सिद्धिदात्री कहा गया है। शास्त्रीय पद्धति से परम करुणामयी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना से भक्तों के सभी कार्य सिद्ध होते हैं। बाधाएं समाप्त होती हैं एवं सुख व मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन से ही नवरात्र आराधना पूर्ण होती है। सभी श्रद्धालुओं को कन्या पूजन के साथ उनके संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी अवश्य लेना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अंवतिकानंद ब्रह्मचारी,बाल मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी,आचार्य पवन दत्त मिश्रा,आचार्य प्रमोद पांडे,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।


स्वामी राघवानंद सरस्वती साधना और सरलता की साक्षात प्रतिमूर्ति थे

हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार स्थित श्रीगंगा भक्ति आश्रम एवं श्रीयमुना बिहारी आश्रम वृंदावन के संस्थापक ब्रह्मलीन श्रीमहंत स्वामी राघवानंद सरस्वती जी का द्वितीय श्रद्धांजलि समारोह सोमवार को हरिद्वार ,वृंदावन एवं गुजरात के संतों ने संयुक्त रूप से मनाते हुए उनका भावपूर्ण स्मरण किया एवं उनके उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी कमलेशानंद सरस्वती के उज्जवल भविष्य की कामना की। श्रद्धांजलि सभा को अध्यक्षीय पद से संबोधित करते हुए श्रीमहंत स्वामी कौशल किशोर दास ने कहा कि स्वामी राघवानंद सरस्वती साधना और सरलता की साक्षात प्रतिमूर्ति थे और उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज की प्रसन्नता के लिए समर्पित किया,उनके सेवा प्रकल्पों को आगे बढ़ाना ही उनको सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। स्वामी हरिबल्लभदास शास्त्री ने स्वामीनारायण संप्रदाय की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आवाहन किया। स्वामी सत्यव्रतानंद सरस्वती ने कहा कि श्रद्धांजलि उसी को दी जाती है जिसका जीवन गंगा, गायत्री और सनातन धर्म एवं संस्कृति के संवर्धन में समर्पित रहा हो, उन्होंने ग्रहस्थ आश्रम को सबसे बड़ा आश्रम बताते हुए कहा कि सभी आश्रमों का संचालन ग्रहस्थ आश्रम से ही होता है। स्वामी कमलेशानंद सरस्वती को गुरु का प्रतिरूप बताते हुए उन्होंने कहा कि सच्चे गुरु को ही अच्छे शिष्य की प्राप्ति होती है। महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज ने शालीनता और संतत्व की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि समाज उसी को देता है जो समाज को देता है,उन्होंने सभी सनातन धर्म प्रेमियों से शिखा-सूत्र की तरफ विशेष ध्यान देने का आवाहन किया। श्रीगंगा भक्ति आश्रम एवं यमुना विहारी आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी कमलेशानंद सरस्वती ने सभी संत महापुरुषों एवं ट्रस्टी तथा भक्तों का अभिनंदन करते हुए कहा कि सम्मानित भक्तों के सहयोग से ही पूज्य गुरुदेव द्वारा आरंभ किए गए सेवा प्रकल्पों का संचालन हो रहा है जिस पर गुरुदेव की अपार कृपा है। श्रद्धांजलि सभा को स्वामी कृष्णबल्लभ शास्त्री,स्वामी चित्तप्रकाशानंद गिरी,स्वामी रामदेव चतुर्वेदी,स्वामी कृष्णानंद शास्त्री,महंत सेवादास,स्वामी सुरेशानंद,महंत स्वामी आदित्यानंद गिरी तथा श्री महंत सुरेशानंद परमहंस ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन स्वामी शारदानंद सरस्वती ने किया। इस अवसर पर दिल्ली,यूपी,उत्तराखंड,हरियाणा एवं राजस्थान के अनेक अनुयायिओं ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सेवा प्रकल्पों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *